शायद कभी वो प्यार- पिपासा कहीं तुम्हारे दिल को छुए गुलाबी- सपनों- सा यह छाता खड़े हैं अब भी लिए हुए !... शायद कभी वो प्यार- पिपासा कहीं तुम्हारे दिल को छुए गुलाबी- सपनों- सा यह छाता खड़े...
इस नाटक का अंत दुखद है,इसमें मशीन अपने बनाने वालों की हत्या कर देती है। इस नाटक का अंत दुखद है,इसमें मशीन अपने बनाने वालों की हत्या कर देती है।
मुझसे, विवाह करते हुए नबीहा गौरवान्वित अनुभव कर रही थी। मुझसे, विवाह करते हुए नबीहा गौरवान्वित अनुभव कर रही थी।
दो मुखौटे पहन लिए मैंने चेहरे के दोनों तरफ। दो मुखौटे पहन लिए मैंने चेहरे के दोनों तरफ।
पर मै जल रहा हूं....याद में और हमेशा जलता रहूंगा इस विरह की आग में.... पर मै जल रहा हूं....याद में और हमेशा जलता रहूंगा इस विरह की आग में....
उसे शांत करने के लिए आत्मसम्मान खोना पड़ा, ये उसे बहुत अखर गया। उसे शांत करने के लिए आत्मसम्मान खोना पड़ा, ये उसे बहुत अखर गया।